गोद पत्र क्या है What is Adopat | सरकारी योजना
एक व्यक्ति को अपने जीवन काल में संतान सुख प्राप्ति के लिए व हिन्दू रिति रिवाजों के अनुसार उसके पास संतान का होना आवश्यक होता है जिससे उसका वंश आगे बढे इस कारण संतान का होना अत्यन्त आवश्यक है , लेकिन अगर किसी व्यक्ति के पास किसी कारणवश संतान पैदा नही होने पर उसके वंश को आगे बढाने एंव संतान सुख प्राप्ति के लिए किसी दुसरे व्यक्ति की संतान को गोद लिया जा सकता है जो विधि के अनुसार जाइन्दा संतान की भॉति उसको पूर्ण अधिकार होते है अब हम यह जानते है कि दत्तक ग्रहण गोद लेने की प्रक्रिया क्या है दत्तक ग्रहण गोद पत्र करवाने के क्या नियम है क्या है आवश्यक दस्तावेज ये सभी प्रकार की जानकारी आपको दी जा रही है।
गोदनामा किस प्रकार करवाया जाता है
हिन्दू दत्तक भरण पोषण अधिनियम 1956 की धारा 6 से 11 तक हिन्दू दत्तक ग्रहण गोद लेने सम्बन्ध में नियम बनाये गये है एक जीवित व्यक्ति ही किसी अन्य व्यक्ति की संतान को गोद ले सकता है गोद लेते समय उसके पास कोई सन्तान जीवित न हो जैसे पुत्र लिया जाता है तो उसके पास पुत्र न हो और अगर पुत्री गोद लि जाती है तो उस ग्रहण कर्ता के पास जीवित पुत्री नही होनी चाहिए जिस संतान को गोद लिया जा रहा है वह हिन्दू होना आवश्यक है अगर दत्तक लेने वाले व्यक्ति दत्तक लेने की सामर्थ्यता एंव अधिकार न रखता हो तो उस स्थिति में गोद नही लिया जा सकता है अगर कोई हिन्दू नारी के द्वारा दत्तक गोद लिया जाता है तो वह स्वस्थ्यचित्त हो और उसके पति की मृत्यु हो गई हो या पति के द्वारा संसार त्याग दिया हो वह सन्यासी हो गया हो उस स्थिति एक हिन्दू नारी दत्तक ग्रहण कर सकती है कोई भी स्त्री पुरूष या पुरूष स्त्री किसी संतान को गोद ले रहे है तो उनकी उम्र में कम से कम 21 साल का अन्तर होना आवश्यक है अब हम यह देखते है कि जो दत्तक संतान गोद ली जा रही है वह स्वस्थ्य हो पूर्व में दत्तक नही लिया गया हो वह हिन्दू हो, उसका विवाह नही हुआ हो और वह 15 वर्ष की आयु पूर्ण न की हो।
दत्तक ग्रहण गोदनामा में कितने पक्षकार होते है
दत्तक ग्रहण में मुख्य रूप से 3 पक्षकार होते है 1 – दत्तक कर्ता देने वाले 2 -दत्तक ग्रहण कर्ता 3- दत्तक लिये जाने वाला व्यक्ति व दो साक्षीगणों का होना अत्यन्त आवश्यक होता है।
गोदपत्र करवाते समय आवश्यक दस्तावेज
- गोद पत्र करवाते समय सभी पक्षकार दत्तक कर्ता , दत्तक ग्रहण कर्ता ,दत्तक वाला व्यक्ति ,साक्षीगणो सभी का मौजूद होना आवश्यक है।
- गोद पत्र करवाते समय सभी पक्षकारो की 2 -2 फोटो का होना आवश्यक है।
- गोद पत्र करवाने वाले सभी पक्षकारो का आधार कार्ड या एक कोई भी आईडी का होना आवश्यक है।
- गोद पत्र करवाते समय जिसे गोद लिया जा रहा है उसका जन्म प्रमाण पत्र जिसमें उसकी आयु हो।
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क्या है दत्तक के सम्बन्ध में अन्य जानकारियॉ
भारत में गोदपत्र (अडॉप्शन) सम्बन्घित कानूनी भारत में गोदपत्र एक व्यक्तिगत कानून के अन्दर आता है, गोदपत्र के लिए कोई एक समान कानून नही है गोद दत्तक ग्रहण के कानून विभिन्न अधिनियमों दिशा निर्देशों द्वारा शासित है और व्यक्तिगत कानूनों पर आधारित है।
1 – 1956 हिन्दू गोद ग्रहण और रख – रखाव अधिनियम एक हिन्दू ,बोद्व ,जैन, सिख द्वारा बच्चे को गोद ग्रहण के लिए नियंत्रीत करता है।
2 – 1890 संरक्षक और प्रतिपाल्य अधिनियम मुस्लिम, ईसाई,पारसी , यहूदी इसमें व्यक्तिगत कानूनों के तहत गोद लेने के लिए कोई औपचारिक प्रावधान नही होते है।
3- 2015 बाल न्याय (देखभाल और संरक्षण अधिनियम) इस अधिनियम के तहत हिन्दू गोद ग्रहण और रख रखाव अधिनियम ने एक हिन्दू द्वारा हिन्दू बच्चे को गोद ग्रहण की सुवधिा प्रदान की गई है इस प्रकार एक धर्म निरपेक्ष कानून बाल न्याय (देखभाल और संरक्षण अधिनियम) के रूप में पारित किया गया था ।
4- केन्द्रिय गोद ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) के दिशा निर्देशों और गोद ग्रहण विनिमयन 2017 यह अधिनियम गोद ग्रहण की प्रक्रिया को सरल और आसान कार्यप्रणाली को सक्षम करता है और यह एक गोद ग्रहण की सम्पूर्ण प्रक्रिया के दिशा निर्देशों विनियमों और प्रक्रियाओं को पूर्ण करता है।
भारत में कौन व्यक्ति गोद ले सकता है ?
भारत में कोई भी महिला -पुरूष जो स्वस्थ्य चित्त है, वह नाबालिंग नही है कोई लाईलाज बिमारी से ग्रसित नही है और बच्चे के माता पिता के बीच न्यूनतम 25 वर्ष का अन्तर है।
भारत में एकल अभिभावक गोद ग्रहण?
एकल अभिभावक की अधिकतम उम्र सीमा 55 वर्ष है एकल माता -पिता चाहे वह जैविक लडकी हो या लडका एक बच्चे को गोद ले सकते है हालांकि एकल पुरूष माता- पिता को लडकी गोद लेने की अनुमति नही है एकल माता पिता के 4 सन्तान से अधिक सन्तान नही होनी चाहिए।
दत्तक ग्रहण के लिए कौन सा बच्चा योग्य होता है ?
देखभाल और संरक्षण अधिनिमय 2015 की धारा 38 के साथ धारा 56 के अनुसार गोद ग्रहण विनिमय 2017 का विनिमय 4 कोई भी बच्चा गोद लेने के लिए पात्र है।
- बाल कल्याण समिति जिसके अनुसार बच्चे के माता- पिता का पता लगाने के प्रयासों के बाद बच्चे को गोद लेने के लिए कानूनी रूप से मुक्त घोषित करता है जिसमें बच्चा अनाथ , परित्यक्त, आत्मसर्पण करने वाला दत्तक हो सकता है ।
- एक दत्तक बच्चे को रिस्तेदारों के द्वारा भी अपनाया जा सकता है।
- बाद के विवाह से एक ऑफ स्प्रिंग को भी अपनाया जा सकता है शर्त यह है कि जैविक माता -पिता द्वारा दत्तक ग्रहण के लिए आत्मसमर्पण कर दिया गया हो ।
कौन रिस्तेदार गोद ग्रहण कर सकता है ।
अधिनियम 2015 की धारा 2 व उपधारा 52 के तहत पैतृक या मातृ -चाची या पितृ या माता या पैतृक या नाना -नानी होगा ।
क्या है भारत में रिश्तेदार के बच्चे को गोद ग्रहण करना
बच्चे के उनके रिश्तेदारों में से कोई भी रिश्तेदार द्वारा गोद ग्रहण किया जा सकता है जो गोद लेने की दशा में किया जा सकता है।
प्रक्रिया
स्टेप 1 संभावित दत्तक ग्रहण माता पिता को खुद को पंजीकृत करने की आवश्यकता होती है जिन्हे आवश्यक दस्तावेज जिला बाल सरंक्षण इकाई को पस्तुत करने की आवश्यकता होती है ।
स्टेप 2 जैविक माता पिता से सहमति बाल कल्याण सहमति से अनुमति प्राप्त करना आवश्यक होता है।
स्टेप 3 गोद ग्रहण विनियमन 51 व 3 के अनुसार बच्चे की सहमति का होना आवश्यक होता है बशर्ते बच्चा 5 वर्ष या उससे अधिक आयु का व 15 वर्ष से अधिक का नहीं है।
स्टेप 4 भावी दत्तक ग्रहण माता पिता को परिवार न्यायालय या पिता न्यायालय या शहर के सिविल कोर्ट में आवेदन दायर करना होगा जो अधिनियम 2015 की धारा 56 (2) के तहत दर्ज किया जाता है।यह ग्रहण कर्ता के इच्छा पर निर्भर करता है।
स्टेप 5 दत्तक ग्रहण की आज्ञा देने से पहले न्यायालय द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि यह बच्चे की भलाई के लिए है ।
स्टेप 6 न्यायालय द्वारा दत्तक माता पिता को दत्तक आदेशों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करेगी ।
गोदपत्र पंजीकृत कहॉ करवाया जा सकता है
इस प्रकार सभी पक्षकार की मौजूदगी होना व सभी दस्तावजो फोटो के साथ 1000 रूपये के स्टाम्प पेपर पर गोदनामा लिखवाकर व 400 रूपये पंजीकरण शुल्क ऑन लाइन चालान बनवाकर सम्पूर्ण मसौद तैयार करवाकर आप अपना गोदनामा सम्बन्धित सब रजिस्टार कार्यालय प्रस्तुत कर पंजीकृत करवा सकते है।
FAQ:-
नहीं लेकिन मिथ्या या कूटरचित तरीके से करवाये गये गोदनामा को निरस्त करवाया जा सकता है
हां
15 वर्ष से कम